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इससे शिवलिंग की पूजा का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. याद रहे कि अगर घर में शिवलिंग है, तो उसे पूजें जरूर, शोपीस बनाकर न रखें. इसे शिवलिंग का अपमान माना जाता है. ऐसे करने से घर पर कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं.
प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान के बाद किसी बड़े पात्र में नर्मदेश्वर शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
आपको बता दें कि यह शिवलिंग काफी महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है। जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। और धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती। साथ ही साथ जातक के जीवन में सारी समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। आयुर्वेद के अनुसार पराद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अस्थमा से लड़ने में काफी मदद मिलती है। इसीलिए यह शिवलिंग काफी लाभकारी होता है।
इसके बाद लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, रोली और अक्षत चढ़ाकर कुंजी की विधिवत पूजन करें।
पारा धातू पासून पारद शिवलिंग तयार केले जाते. हा एक द्रव पदार्थ आहे आणि त्यात तांबे ,कांसे, आणि इतर जडीबुटी मिसळून ह्या शिवलिंगाला आकार दिला जातो. तांबे हे पार्वतीचे रूप मानले जाते.
सकारात्मक वातावरण: यह शिवलिंग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से घर के सदस्यों की रक्षा करता है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च। तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
पन्ना शिवलिंग; पन्ने नामक हरे रंग के कीमती रत्न से बनाया जाता है।
पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने केवळ भगवान शिव आणि माता पार्वतीचा ही आशीर्वाद मिळतो. त्याच प्रमाणे सर्व प्रकारचे ग्रह दोष, पाप इत्यादी दूर होतात.
इसके बाद आपको शिवलिंग पर चावल अर्पण करें और मिठाई का भोग भी लगाना चाहिए।
देवताओ ने भी हनुमानजी को पारद शिवलिंग उपहार में दिया और कहा की शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते है
अगर आपका पारद शिवलिंग नकली है तो यह सोने के साथ कोई क्रिया नहीं करेगा और सोना जैसे का तैसा ही रखा रहेगा।
शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी website को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।